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Pranamya Sagar Ji
स्व-समय / Self-time/ Swo-Samaye
स्व-समय का सही अर्थ और कीमत समझना जरूरी है । अतीत अशुद्ध होता है । वर्तमान ही सत्य और शुद्ध होता है।
धर्म को धारण करना/ Holding on to Religion/ Dharma Ko Dharan Karna
कभी किसी के लिए गलत धारणा नही रखनी चाहिए। धर्म का अर्थ अलग -अलग होता है। धर्म हमेशा धारण करना चाहिए।
नए जीवन की शुरूआत/ Starting of New Life/ Naye Jiwan ki Shuruat
नए जीवन की खोज आवश्यक है । नए जीवन की खोज में गुरु सहायक होते हैं, इसलिए उनका स्थान सबसे ऊपर होता है
मन और आत्मा/ Mind and Soul/ Man Aur Atma
मन को दुख नही होता है, दुख आत्मा को होता है। मोह मन और आत्मा पर हावी होते हैं।
Mind does not hurt,